TET Exam latest update: 51 लाख शिक्षकों के लिए बड़ी खबर ! Government का सुप्रीम फैसले पर बड़ा कदम,

TET Exam latest update

TET Exam latest update: 51 लाख शिक्षकों के लिए बड़ी खबर ! Government का सुप्रीम फैसले पर बड़ा कदम,

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टीईटी परीक्षा (TET Exam) को लेकर 51 लाख शिक्षकों के लिए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है, जिसने पूरे देश के स्कूल शिक्षकों में हलचल मचा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए अगले दो सालों में टीईटी (Teacher Eligibility Test) पास करना अनिवार्य होगा, अन्यथा उनकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 1 सितंबर 2025 को आया, जिसके तहत वे सभी शिक्षक, जिनकी नियुक्ति आरटीई एक्ट 2009 के लागू होने से पहले हुई थी, उन्हें भी अनिवार्य रूप से टीईटी परीक्षा पास करनी होगी। फैसले के मुताबिक, जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पाँच वर्ष से कम बची है, वे बिना टीईटी पास किए ही सेवानिवृत्ति तक सेवा में बने रह सकते हैं, लेकिन उन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा

किन शिक्षकों पर असर

यह फैसला सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों के सभी शिक्षकों पर लागू होगा जो कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाते हैं।

लगभग 51 लाख शिक्षक इस आदेश के दायरे में आते हैं, जिसमें यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु सहित देशभर के शिक्षक शामिल हैं

आरटीई एक्ट 2010 के बाद नियुक्त सभी शिक्षक पहले से ही टीईटी पास हैं, इसलिए चिंता उन्हीं शिक्षकों में है जो पुरानी नियुक्तियों में हैं

सरकार और शिक्षक संघ की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सीधा असर लाखों शिक्षकों की नौकरी और प्रमोशन पर पड़ेगा। इसी वजह से शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु सरकार जैसी राज्य सरकारें इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दाखिल कर चुकी हैं

शिक्षकों का कहना है कि उनके लिए अचानक से टीईटी पास करना कठिन है, खासकर उनके लिए जो अनुभव के आधार पर अध्यापन कार्य कर रहे हैं

शिक्षक संगठन मांग कर रहे हैं कि यह नियम केवल आरटीई एक्ट लागू होने के बाद भर्ती शिक्षकों पर ही लागू हो, पुराने शिक्षकों को छूट दी जाए

साथ ही, कई संगठन दो वर्ष की निर्धारित समयसीमा बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं, ताकि शिक्षकों को अधिक अवसर मिल सकें

सरकार के अन्य कदम

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र और राज्य स्तर पर बैठकों का आयोजन किया है। शिक्षकों के भारी विरोध और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार की ओर से संभावित संशोधन एवं कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश के लाखों शिक्षकों के सामने नई चुनौती आ खड़ी हुई है। फैसले के खिलाफ शिक्षक संघ, राज्य सरकारें लगातार राहत के लिए कोर्ट और सरकार दोनों से गुहार लगा रहे हैं। आने वाले दिनों में क्या कोई छूट मिलेगी या नियमों में कोई बदलाव होगा, इस पर सभी शिक्षकों की नजरें टिकी हैं

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