Jeevika Didi Mukhymantri Yojana: बिहार मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, नहीं आए 10,000 रुपए तो क्या करें?

Jeevika Didi Mukhymantri Yojana: बिहार मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, नहीं आए 10,000 रुपए तो क्या करें?

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

बिहार मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना भी कहा जाता है, बिहार सरकार की एक बड़ी पहल है जिसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वरोजगार में समर्थ बनाना है। इस योजना के तहत जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने में सहायता हेतु शुरुआती वित्तीय सहायता के रूप में ₹10,000 सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। यदि महिला का व्यवसाय सफल रहता है, तो उन्हें और भी आर्थिक सहायता जैसे ₹15,000, ₹75,000 और अधिकतम ₹2 लाख तक का लोन 12% वार्षिक ब्याज दर पर दिया जाता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर 2025 को इस योजना की शुरुआत की, जिसमें पहली किस्त के रूप में 75 लाख महिलाओं को ₹10,000 की राशि दी गई। योजना का लक्ष्य महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, आजीविका सृजन, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इसमें उत्पाद बिक्री के लिए ग्रामीण हट-बाजारों का विकास भी शामिल है। इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए, उनके परिवार का आयकरदाता नहीं होना चाहिए और वे सरकारी नौकरी में नहीं होनी चाहिए। प्रस्तुत दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर, और जीविका SHG फॉर्म शामिल हैं।

Jeevika Didi Mukhyamantri Yojana

यदि किसी महिला के खाते में ₹10,000 की राशि नहीं आई है, तो उसे सबसे पहले अपने आवेदन की स्थिति चेक करनी चाहिए। ग्रामीण महिलाएं अपने गांव के SHG या जीविका प्रतिनिधि से संपर्क कर सकती हैं, जबकि शहरी महिलाएं जीविका की आधिकारिक वेबसाइट www.brlps.in पर जाकर आवेदन स्थिति देख सकती हैं। इसके साथ ही बैंक खाते की डिटेल्स (IFSC कोड, खाता संख्या, नाम आदि) की सही-सही पुष्टि करनी चाहिए क्योंकि गलत विवरण के कारण राशि नहीं पहुंच पाती है। इसके अलावा, DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) में देरी भी हो सकती है, इसलिए संबंधित जीविका कार्यालय या बैंक शाखा से फॉलोअप करना जरूरी है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि अभी तक जिन महिलाओं के खाते में पैसा नहीं पहुंचा है, उनके नाम योजना से बाहर नहीं किए गए हैं और वे उचित जांच और सुधार के बाद लाभ प्राप्त कर सकेंगी। अतः इस स्थिति में घबराने की बजाय उचित चैनलों से संपर्क कर दस्तावेजों और आवेदन की जानकारी सत्यापित करानी चाहिए।

इस योजना के माध्यम से बिहार सरकार लगभग 2.7 करोड़ परिवारों को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़े और वे स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। यह योजना बिहार में महिलाओं के लिए एक स्थायी आय का स्रोत और सामाजिक सम्मान का माध्यम बनने का अवसर प्रदान करती है

Leave a Comment