Bihar Mukhyamantri Mahila Rojgar
Bihar Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: इन्हें नहीं मिलेंगे 10 हजार रुपए! CM Nitish | Jeevika Didi?
बिहार की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार ने महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) शुरू की है। इस योजना के तहत 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में ₹10,000 की आर्थिक सहायता सीधे ट्रांसफर की गई है ताकि वे अपने पसंद के क्षेत्र में स्वरोजगार या व्यवसाय शुरू कर सकें। हालांकि, कई महिलाएं जिन्हें जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ा होना आवश्यक है, अभी तक यह राशि प्राप्त नहीं कर पाई हैं। इस योजना में किन महिलाओं को ₹10,000 नहीं मिलेंगे और क्यों, इसकी वजहें भी सामने आई हैं।
योजना का उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का मकसद बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके तहत 18 से 60 वर्ष की वे महिलाओं को लाभ मिलेगा जो बिहार की स्थायी निवासी हों, विवाहिता हों और जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य हों। महिला व्यवसायों को शुरू करने के लिए शुरुआती राशि के रूप में ₹10,000 सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है। इसके बाद यदि उनका व्यवसाय सफल रहता है तो ₹2 लाख तक के अतिरिक्त ऋण भी दिए जा सकते हैं, जिस पर वार्षिक 12% ब्याज दर लागू होती है। इस योजना से लगभग 2.7 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूती मिलेगी
किन महिलाओं को ₹10,000 नहीं मिलेंगे?
कुछ महिलाओं को योजना के तहत ₹10,000 नहीं मिले हैं, और इसके मुख्य कारण निम्न हैं:
बैंक खाते में गलत या अनुचित IFSC कोड होना।
पासपोर्ट साइज फोटो या दस्तावेज़ में त्रुटि।
मोबाइल नंबर गलत या अधूरा होना।
स्वयं सहायता समूह (SHG) या ग्राम संगठन द्वारा आवश्यक विवरणों का अभाव या त्रुटि होना।
योजना की पात्रता नियमों को पूरा न करना, जैसे कि जीविका SHG की सदस्यता का न होना।
ऐसी महिलाओं को सुझाव दिया गया है कि वे अपने संबंधित SHG या ग्राम संगठन से संपर्क करके अपनी जानकारी ठीक कराएं ताकि वे योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। यह सरकार की एक साफ-सुथरी और पारदर्शी व्यवस्था है ताकि असल पात्र महिलाओं को ही सहायता मिल सके
योजना का राजनीतिक और सामाजिक महत्व
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे चुनावी माहौल में महिलाओं के बीच मजबूत सशक्तिकरण का बड़ा कदम बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस योजना की शुरुआत की और इसमें ₹7,500 करोड़ की राशि 75 लाख महिलाओं को वितरित की गई। इस योजना से न केवल महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी बल्कि उनका सामाजिक मुकाम भी बेहतर होगा। यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रभावी माध्यम है, जिससे बिहार के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिला स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा