Jeevika Didi Yojana: जीविका दीदियों का 10000 खाते में नहीं आया नीतिश कुमार इस दिन भेजेंगे

Jeevika Didi Yojana

Jeevika Didi Yojana: जीविका दीदियों का 10000 खाते में नहीं आया नीतिश कुमार इस दिन भेजेंगे

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

जीविका दीदियों के 10,000 रुपये उनके खातों में नहीं आने का कारण विभिन्न तकनीकी और डेटा त्रुटियां हो सकती हैं, जैसे गलत IFSC कोड, अधूरी या गलत जानकारी, मोबाइल नंबर में गलती, या ग्राम संगठन/स्वयं सहायता समूह (SHG) द्वारा जानकारी में कमी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह राशि बांगो की महिला रोजगार योजना के तहत 25 लाख जीविका दीदियों के खातों में भेजी है, लेकिन जिन महिलाओं के खाते में अभी पैसे नहीं आए हैं, वे 6 अक्टूबर 2025 को फिर से इस सहायता राशि के आने की उम्मीद कर सकती हैं। इस योजना के तहत महिलाओं को 10,000 की प्रारंभिक राशि दी जा रही है, और सफल उद्यम चलाने पर 2 लाख रुपये तक अतिरिक्त सहायता भी मिलेगी।

जीविका दीदी योजना का उद्देश्य और लाभ

यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने और उनके स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है।

बिहार की ग्रामीण महिलाओं के लिए सबसे बड़ी स्व-सहायता समूह (SHG) पहल है, जिसमें अब तक 1.40 करोड़ से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हैं।

योजना से जुड़ी महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की प्रारंभिक राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जा रही है।

आगे सफल उद्यम संचालिकाओं को 2 लाख रुपये तक की सहायता भी दी जाएगी।

भुगतान में देरी के कारण और समाधान

जिन महिलाओं को राशि नहीं मिली है, उनके बैंक खाते की IFSC कोड, मोबाइल नंबर या अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट में त्रुटि हो सकती है।

गलत या अधूरी जानकारी के कारण सरकार का पैसा उनके खाते तक नहीं पहुंच पा रहा है।

प्रभावित महिलाएं अपने ग्राम संगठन या जीविका स्वयं सहायता समूह से संपर्क कर अपनी जानकारी सही करवा सकती हैं।

इस योजना के भुगतान को चरणबद्ध तरीके से वितरण किया जा रहा है, और 6 अक्टूबर 2025 को अगली किस्त ट्रांसफर की जाएगी।

इस प्रकार, यदि जीविका दीदी योजना के तहत अभी तक 10,000 रुपये किसी के खाते में नहीं आए हैं तो 6 अक्टूबर 2025 तक राशि आने की उम्मीद है और इस बीच सरकारी अधिकारियों तथा स्वयं सहायता समूह से अपनी जानकारी अपडेट कर लेना जरूरी है ताकि भुगतान बाधित न हो सके। इस योजना के तहत लाभार्थियों को आत्मनिर्भर और समर्थ बनाने का प्रयास निरंतर जारी है

Leave a Comment