UPI Transaction Latest update: UPI से साल में कितना लेन देन करें की टैक्स न देना पड़े

UPI Transaction Latest update: UPI से साल में कितना लेन देन करें की टैक्स न देना पड़े

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UPI (Unified Payments Interface) से सालाना लेनदेन पर टैक्स की बात करें तो सीधे तौर पर UPI पर कोई विशिष्ट सालाना लेनदेन सीमा नहीं है जिसके बाद टैक्स देना अनिवार्य हो। UPI के माध्यम से जो लेनदेन होते हैं, वे बैंक खातों से जुड़े होते हैं और टैक्स विभाग के लिए स्रोत की जाँच जरूरी होती है

सितंबर 2025 में NPCI (National Payments Corporation of India) ने टैक्स भुगतान आदि से संबंधित कुछ कैटेगरी के लिए UPI के प्रतिदिन और प्रति ट्रांजेक्शन लिमिट में वृद्धि की है। कुछ खास कैटेगरीज में जैसे टैक्स पेमेंट, इंश्योरेंस प्रीमियम, कैपिटल मार्केट्स और सरकारी ई-मार्केटप्लेस में प्रति ट्रांजेक्शन ₹5 लाख और दैनिक ₹10 लाख तक ट्रांजेक्शन की अनुमति मिलेगी। बाकि सामान्य व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) लेनदेन की सीमा अब भी ₹1 लाख प्रतिदिन ही है।

UPI Transaction Latest update

टैक्स की दृष्टि से महत्वपूर्ण यह है कि टैक्स विभाग के लिए असामान्य या संदिग्ध लेनदेन सूचना में आ जाते हैं, उसके आधार पर जांच होती है, न कि केवल UPI के लेनदेन की राशि के आधार पर। इसलिए अगर कोई व्यक्ति साल में UPI के जरिए ₹10 लाख, ₹20 लाख या उससे ज्यादा लेनदेन करता है, तो टैक्स तभी देना पड़ेगा जब वह आय टैक्स नियमों के अनुसार टैक्सेबल आय के अंतर्गत आए।

इसलिए UPI से साल नया कितना लेन-देन टैक्स फ्री होगा, इसका निर्धारण टिपिकल टैक्स के नियमों पर निर्भर करता है, न कि UPI पर कोई सीधे लिमिट से। लेकिन सुविधा के लिए लेनदेन की उच्च सीमा बढ़ाई गई है ताकि बड़े भुगतान भी डिजिटल रूप से सरल हो सकें।

UPI से साल में कितना लेन-देन करें कि टैक्स न देना पड़े:

UPI से टैक्स का निर्धारण केवल लेनदेन सीमा से नहीं, बल्कि आपकी कुल आय और टैक्स नियमों से होता है।

NPCI के नियमों के अनुसार, टैक्स संबंधी कैटेगरीज में प्रति ट्रांजेक्शन ₹5 लाख और दैनिक सीमा ₹10 लाख है।

आम P2P लेनदेन के लिए दैनिक सीमा ₹1 लाख बनी हुई है।

टैक्स से बचने के लिए वैध आय अनुसार टैक्स रिटर्न फाइल करें, ट्रांजेक्शन स्रोत को क्लियर रखें।

यह नियम भारत सरकार और NPCI द्वारा 15 सितंबर 2025 से प्रभावी हुए हैं, और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं। इसलिए डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा बढ़ी है, लेकिन टैक्स नियम सभी आय पर लागू होंगे, न कि केवल UPI लेनदेन पर ही।

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